सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है
करता नहीं क्यूँ दूसरा कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है
ए शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार,
अब तेरी हिम्मत का चरचा गैर की महफ़िल में है
वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमान,
हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है
खैंच कर लायी है सब को कत्ल होने की उम्मीद,
आशिकों का आज जमघट कूच-ए-कातिल में है
यूँ खड़ा मक़तल में क़ातिल कह रहा है बार-बार,
क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है
वो जिस्म भी क्या जिस्म है जिसमें ना हो खून-ए-जुनून
तूफ़ानों से क्या लड़े जो कश्ती-ए-साहिल में है,
हाथ जिन में हो जुनूँ कटते नही तलवार से,
सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से
और भड़केगा जो शोला-सा हमारे दिल में है,
है लिये हथियार दुशमन ताक में बैठा उधर,
और हम तैय्यार हैं सीना लिये अपना इधर
खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है,
हम तो घर से निकले ही थे बाँधकर सर पे कफ़न,
जान हथेली पर लिये लो बढ चले हैं ये कदम
जिन्दगी तो अपनी मेहमान मौत की महफ़िल में है,
दिल में तूफ़ानों की टोली और नसों में इन्कलाब,
होश दुश्मन के उड़ा देंगे हमें रोको ना आज
दूर रह पाये जो हमसे दम कहाँ मंज़िल में है |
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Editors Note: This work is popularly attributed to Ram Prasad Bismil though he was not the author.
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Category: Folklore
Language: हिन्दी/Hindi
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Editor's Note: The above poem is a play on the popular children's poem in Kannada below. ಉಂಡಾಡಿ ಗುಂಡಾ , ಮದುವೆ ಮನೆಗೆ ಹೋದ , ಹತ್ತು ಲಾಡು ತಿಂದಾ , ಇನ್ನು ಬೇಕು ಅಂದಾ , ಅಮ್ಮ ಬೆಣ್ಣೆ ಕೊಟ್ಟರು , ಅಪ್ಪ ದೊಣ್ಣೆ ತಂದ್ರು , ಕೈ ಕಟ್ , ಬಾಯ್ ಮುಚ್ ।
-बे. हरेकृष्ण आचार्य
Photo By: Submitted by: बे. हरेकृष्ण आचार्य Submitted on: Fri Sep 09 2016 00:00:00 GMT+0530 (IST) Category: Original Language: ಕನ್ನಡ/Kannada
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प्यार की बातें बोलकर मुझे बहलाओ मत ,
अभी बोलो तुम आओगे कब ?
बच्चे रोते हैं, पर पूछते नहीं हैं तुमको ,
हँसकर मैं भी जवाब नहीं देती उनको ।
तुम्हारे पैसों से खाना बनता है, ख़ुशी नहीं ,
बिन बाप के बच्चे, बढ़ेंगे कैसे? पता नहीं !
मुझे पैसों की भरमार नहीं , ख़ुशी चाहिए ,
तुम्हारा हाथ, तुम्हारा साथ चाहिए ।
पैसे अब काफी हैं ज़िन्दगी काटने के लिए ,
बच्चों की देख-रेख और पढ़ाई के लिए ।
बाकी जो बचा, वह कुछ कर लेंगे इधर-उधर ,
अभी बोलो, तुम आओगे कब ?
-देवसुत
Photo By:
Submitted by: देवसुत
Submitted on: Mon Sep 05 2016 00:00:00 GMT+0530 (IST)
Category: Original
Language: हिन्दी/Hindi
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