प्यार की बातें बोलकर मुझे बहलाओ मत ,
अभी बोलो तुम आओगे कब ?
बच्चे रोते हैं, पर पूछते नहीं हैं तुमको ,
हँसकर मैं भी जवाब नहीं देती उनको ।
तुम्हारे पैसों से खाना बनता है, ख़ुशी नहीं ,
बिन बाप के बच्चे, बढ़ेंगे कैसे? पता नहीं !
मुझे पैसों की भरमार नहीं , ख़ुशी चाहिए ,
तुम्हारा हाथ, तुम्हारा साथ चाहिए ।
पैसे अब काफी हैं ज़िन्दगी काटने के लिए ,
बच्चों की देख-रेख और पढ़ाई के लिए ।
बाकी जो बचा, वह कुछ कर लेंगे इधर-उधर ,
अभी बोलो, तुम आओगे कब ?
-देवसुत
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Submitted by: देवसुत
Submitted on: Mon Sep 05 2016 00:00:00 GMT+0530 (IST)
Category: Original
Language: हिन्दी/Hindi
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