Sunday, 10 May 2020
न नौ मन तेल होगा... (HIndi Proverbs) -Janaab
न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी |
अर्थात: कारण समाप्त हो जाने पर परिणाम स्वतः ही समाप्त हो जायेंगे |
नाच ना जाने आँगन टेढ़ा |
अर्थात: स्वंय की अकुशलता को दूसरों पर थोपना |
अन्धों में काणा राजा |
अर्थात: मूर्खों में कम विद्वान भी श्रेष्ठ माना जाता है |
घर का भेदी लंका ढाए |
अर्थात: राज़दार ही विनाश का कारण बनता है |
गरजते बादल बरसते नहीं |
अर्थात: शक्तिहीन व्यक्ति निरर्थक चिल्लाता है | वह कुछ कर नहीं सकता है |
अपने पैरों पर खड़ा होना |
अर्थात: स्वालंबी होना
वाक्य: युवकों को अपने पैरों पर खड़े होने पर ही विवाह करना चाहिए ।
अक्ल का दुश्मन |
अर्थात: मूर्ख
वाक्य: लगता है आजकल तुम अक्ल के दुश्मन हो गए हो ।
अपना उल्लू सीधा करना |
अर्थात: मतलब निकालना
वाक्य: आजकल के नेता अपना उल्लू सीधा करने के लिए ही लोगों को भड़काते है ।
आँखे खुलना |
अर्थात: सचेत होना
वाक्य: ठोकर खाने के बाद ही बहुत से लोगों की आँखे खुलती है ।
आँखे दिखाना
अर्थात: क्रोध करना
वाक्य: मैंने सच बातें कह दी , तो वह मुझे आँख दिखाने लगा ।
आसमान से बातें करना
अर्थात: बहुत ऊँचा होना
वाक्य: आजकल इमारते आसमान से बातें करती है ।
ईंट से ईंट बजाना
अर्थात: पूरी तरह नष्ट करना
वाक्य: राम, अपने शत्रु की ईंट से ईंट बजा दे।
ईंट का जबाब पत्थर से देना |
अर्थात: जबरदस्त बदला लेना
वाक्य: भारत अपने दुश्मनों को ईंट का जबाब पत्थर से देगा ।
ईद का चाँद होना |
अर्थात: बहुत दिनों बाद दिखाई देना
वाक्य: राम, तुम ईद के चाँद हो गए हो ।
उड़ती चिड़िया पहचानना |
अर्थात: रहस्य की बात दूर से जान लेना |
वाक्य: वह इतना अनुभवी है कि उसे उड़ती चिड़िया पहचानने में देर नहीं लगती ।
उन्नीस बीस का अंतर होना |
अर्थात: बहुत कम अंतर होना |
वाक्य: राम और श्याम, दोनों में उन्नीस बीस का ही अंतर है ।
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Submitted by: Janaab
Submitted on:
Category: Folklore
Language: हिन्दी/Hindi
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